Showing posts with label उम्मीदें. Show all posts
Showing posts with label उम्मीदें. Show all posts

Wednesday 18 September 2019


कुछ प्रश्न




उसका और मेरा नाता कुछ तो है,
यूँ ही तो तूने हमें ना मिलाया होगा।

कुछ फलसफा तो होगा इस मुलाकात का भी,
यूँ ही तो तूने हमें न तो रूलाया होगा।

यूँ ही तो तूने हमें ना मिलाया होगा





मिला दे


उसे और मुझे तू मिला दे,
यूँ ना तू हमें जीने की सजा दे।

गर करें हैं हमने कुछ पुण्य,
तो भुला दे सब, और कर दे शून्य

सारी गिला मिटा अब,
अब हमें मिला दे।