आपका जन्मदिन बसंत लेकर आया है
कोयल ने मीठा गीत सुनाया है
पक्षियों ने चहचहाया है
कुसुम-सुमन ने हसकर बोला
मुबारक हो, मुबारक हो
आपका जन्मदिन बसंत लेकर आया है ।
चंदा की शीतलता ने बतलाया है
झरनों ने शोर मचाया है
मयूरों ने भी गुनगुनाया है
मुबारक हो, मुबारक हो
आपका जन्मदिन बसंत लेकर आया है ।
हवाओं ने कानों में गुदगुदाया है
विहंगों ने राग सुनाया है
यह मौसम सबको भाया है
मुबारक हो, मुबारक हो
आपका जन्मदिन बसंत लेकर आया है ।
कलियों ने मुस्कराया है
मेघों ने गडगडाया है
गेहूँ की कोपलों ने फुसफुसाया है
मुबारक हो, मुबारक हो
आपका जन्मदिन बसंत लेकर आया है ।
"मीठी"