तू मेरा कौन है
तू हवा का ठण्डा झौका है,
कभी नाजुक तो कभी तूफां है,
हाँ मेरा गुजरा लम्हा है,
मगर तेरे बिन मेरा जीवन तन्हा है।
कुछ टूटा सा, कुछ रूठा सा है,
हर पल मेरे अधरों पर सजा सा है,
एक दोस्त तू मेरा सच्चा सा है,
मैं अगर रागिनी तू बीन सा है।
मेरे प्यासे नयनों में तू बहता झरना सा है,
गूँजता उर में मेरे तू एक नगमा सा है,
मैं चमकती बिजूरी सी, तू मेरा आसमां है,
जिसको टूटने की तलव नहीं तू वो एक सपना है।
तू मुझे पूछता है तू मेरा कौन है?
तू दूर है मगर पास है,
तू मेरे जीवन में सबसे खास है,
जज्बातों का बहाना नहीं बनाती,
तू मेरे दिल में धडकता खूबसूरत अहसास है।
"मीठी"