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Monday 30 September 2019

एक शख्स- जो अश्क दे गया

एक शख्स- "जो अश्क दे गया"


मैं नीद तो मेरा ख्वाब है, एक शख्स
मैं अश्क तो मेरी आँख है, एक शख्स
मैं दुआ तो मेरी इबादत है, एक शख्स
मैं जज्बात तो मेरी मौहब्बत है, एक शख्स


मैं दिल तो मेरी धडकन है, एक शख्स
मैं होठ तो मेरी मुस्कान है, एक शख्स
मैं किताब तो मेरे अल्फाज है, एक शख्स
मैं गीत तो मेरा साज है, एक शख्स


मैं सूरत तो मेरी सादगी है, एक शख्स
मैं फूल तो मेरी ताजगी है, एक शख्स
मैं नदी तो मेरा नीर है, एक शख्स
मैं किरदार तो मेरी पूरी कहानी है, एक शख्स


मैं सागर तो मेरी गहराई है, एक शख्स
मैं शरीर तो मेरी परछाई है, एक शख्स
मैं जम़ी तो मेरा आसम़ा है, एक शख्स
मैं एक किस्सा और मेरी पूरी दास्तान है, एक शख्स


मैं मीरा तो मेरा कृष्ण है, एक शख्स
एक शख्स, एक शख्स, एक शख्स
मुझमे, मुझमे बस मुझमे समाया है, एक शख्स ।



                                                               "मीठी"

Sunday 11 August 2019

मेरा हमसफर- एक अधूरा ख्वाब

मेरा हमसफर- एक अधूरा ख्वाब



मेरी आँखों के आंशू को अपने हाथों से पोछता
मेरे अंधियारे जीवन में वो उजाला भर देता
काश एक ऐसा हमसफर मेरा भी होता।

यूँ तो गमों से बहुत गहरा रिश्ता रहा मेरा
वो लबों पर बस मेरे हमेशा मुस्कान रखता
काश एक ऐसा हमसफर मेरा भी होता।

मेरे दिल की उदासी, आँखों की नमी
मेरी निगाहों से वो मेरी हर बात समझ लेता
काश एक ऐसा हमसफर मेरा भी होता।

वक्त, बेवक्त मुझे हसाता, अपनेपन का अहसास मुझे दिलाता
वो मरहम बनकर मेरा हर दर्द मिटाता
काश एक ऐसा हमसफर मेरा भी होता।

अंधेरा बहुत है जीवन में वो दीपक सा बन जाता
कांटो भरी मेरी राह में वह फूलों सा बिछ जाता
काश एक ऐसा हमसफर मेरा भी होता।

मैं बहता पानी दरिया का, वो किनारा बन जाता
अकेला सा जान मुझे, उम्रभर मेरा साथ निभाता
काश एक ऐसा हमसफर मेरा भी होता।

मैं तपन सूरज की, वो चाँद सा शीतल बन जाता
मेरे उदास जीवन में, वो खुशियाँ भर जाता
काश एक ऐसा हमसफर मेरा भी होता।

                                                                              "मीठी"