वजह जीने की
1. क्या लिखू, चेहरे पर चिंता की लकीरें लिखू,
या उदास आँखों की नमी लिखू,
या लिखू बात कुछ सीने की,
दिल चाहता है, चलती साँसों को रोक लूँ,
ए खुदा कोई तो वजह दे जीने की।
2. मुस्कराना आदत थी मेरी,
मगर ये आदत गुमनाम हो गयी,
गम ए दोस्ती यूँ सरेआम हो गयी ।
"लफ्ज ए मीठी"