मेरी चाहत
नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारी आँखों का अश्क,
मैं तो बस तुम्हारे होठों की मुस्कान बनना चाहती हूँ।
नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारे लवों की चुप्पी,
मैं तो बस तुम्हारे लवों की मीठी बोली बनना चाहती हूँ।
नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारे चेहरे की सिकन,
मैं तो बस तुम्हारे चेहरे का नूर बनना चाहती हूँं।
नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारे जेहन की बेचैनी,
मैं तो बस तुम्हारे जेहन का सुकून बनना चाहती हूँ।
नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारे जीवन का अंधेरा,
मैं तो बस तुम्हारे जीवन की रोशनी बनना चाहती हूँ।
नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारे तकदीर की चुनौती,
मैं तो बस तुम्हारी तकदीर को चमकाना चाहती हूँ।
मैं तो तो बस तुम्हारी यादों का खूबसूरत हिस्सा बनना चाहती हूँ।
नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारी बर्बादी का कारण,
मैं तो बस तुम्हारी जिन्दगी आबाद देखना चाहती हूँ।
नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारे दिल का दर्द,
मैं तो बस तुम्हारे दिल की राहत बनना चाहती हूँ।
नहीं बनना चाहती जैसे कृष्ण की रूक्मणी,
मैं तो बस तेरी राधा बनना चाहती हूँ।
"मीठी"