मंजिल मिल जाती
दो भटके राही को मंजिल मिल जाती,
जीवन में आ जाती नयी बहार,
जो तुम आ जाते एक बार।
मिट जाता गमों का अंधेरा,
खुशियों की हो जाती बौछार,
जो तुम आ जाते एक बार।
मिल जाता इस रिश्ते को खूबसूरत नाम,
मौहब्बत ना होती आज यूँ तार-तार,
जो तुम आ जाते एक बार।
जीवनपथ फूलों सा सज जाता,
होठों पर खिलती हर पल मुस्कान,
जो तुम आ जाते एक बार।
ना तड़पती रूह इस कदर,
ना रहता अधूरा प्यार,
प्रेम से हरा-भरा रहता तेरा मेरा संसार,
जो तुम आ जाते एक बार ।
"मीठी"