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Thursday 8 August 2019

तेरी एक मुस्कान

तेरी एक मुस्कान



तेरी एक मुस्कान, पर मैं आज भी फिदा हो जाती हूँ,
साँस सी आती है रूह को, मैं जिन्दा हो जाती हूँ।

तू क्या जाने अपनी इस मुस्कान की कीमत, ये अनमोल है,
तेरी ये मुस्कान इस जलती धूप में, बेपरवाह मेरी रूह को ठण्डक दे जाती है।
उम्मीद के उखडे कदमों से हर दर्द को सोख ले जाती है,
आँखों में हो अस्क जितने मगर, मैं मन ही मन मुस्का जाती हूँ।
तेरी एक मुस्कान, पर मैं आज भी फिदा हो जाती हूँ।

मुस्कान तेरी है, जिन्दगी मेरी,
मुस्कान ना हो अगर तेरे लबों पर तो मेरी चाहत अधूरी,
तेरे होठों पर गर ना सजी हो मुस्कान,
तो इसके बिना दिल की हर राहत अधूरी,
तेरी वो मुस्कराती तस्वीर देखकर,
मैं रोज अपने होठों पर मुस्कान ले आती हूँ,
तेरी एक मुस्कान, पर मैं आज भी फिदा हो जाती हूँ।

जानती हूँ अब तूने मुस्कराना छोड दिया, 
हंसना छोड दिया, खिलखिलाना छोड दिया,
पर पल तो कोई रूका नही कभी,
अब ये बात मन में बिठा लो तुम भी,
इस पल को साथ में लेकर अब,
तुम्हें हर लम्हा मुस्कराना है,
क्योंकि एक तेरी यही मुस्कान, मेरे जीने का बहाना है,
तुझे मुस्कराता देखकर मैं बेफिक्र हो जाती हूँ,
तेरी एक मुस्कान, पर मैं आज भी फिदा हो जाती हूँ,
साँस सी आती है रूह को, मैं जिन्दा हो जाती हूँ।


                                                                       "मीठी"