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Thursday 17 October 2019

तुम मेरी पहली और आखिरी सी मौहब्बत हो

तुम मेरी पहली और आखिरी सी मौहब्बत हो 


ख्वाहिश नहीं तुम मेरी खुशी हो,
रूह को जो सुकून दे, सर्दी की वो धूप हो ,
ख्वाबों में जो रोज मिले, तुम वो दौलत हो,
तुम मेरी पहली और आखिरी सी मौहब्बत हो ।

तुम हकीकत नहीं, हसरत हो,
होठो पर जो तबस्सुम लाये, उन हसीन लम्हों की याद हो,
क्यों देखते हो खुद को आइने में, तुम खुद से भी ज्यादा खूबसूरत हो,
तुम मेरी पहली और आखिरी सी मौहब्बत हो ।

तुम्हें हासिल करूँ ये आरजू नहीं, तुम तो बस मेरी चाहत हो,
जेठ की धूप में ठंडक देने वाले दरख्तों का साया हो,
दिल को गवारा ही नहीं, तुम मुझसे कभी रूख्सत हो,
तुम मेरी पहली और आखिरी सी मौहब्बत हो ।

डुबाये रखता है जो हर पल मुझे तुम वो ख्याल हो,
रूह से निकले और पन्नों पर टिके तुम वो शायरी हो,
मैं तुम्हारे ही दम से जिन्दा हूँ, मर ही जाऊँ जो तुमसे फुरसत हो,
तुम मेरी पहली और आखिरी सी मौहब्बत हो ।


Monday 5 August 2019

मेरी चाहत

मेरी चाहत


नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारी आँखों का अश्क,
मैं तो बस तुम्हारे होठों की मुस्कान बनना चाहती हूँ।

नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारे लवों की चुप्पी,
मैं तो बस तुम्हारे लवों की मीठी बोली बनना चाहती हूँ।

नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारे चेहरे की सिकन,
मैं तो बस तुम्हारे चेहरे का नूर बनना चाहती हूँं।

नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारे जेहन की बेचैनी,
मैं तो बस तुम्हारे जेहन का सुकून बनना चाहती हूँ।

नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारे जीवन का अंधेरा,
मैं तो बस तुम्हारे जीवन  की रोशनी बनना चाहती हूँ।

नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारे तकदीर की चुनौती,
मैं तो बस तुम्हारी तकदीर को चमकाना चाहती हूँ।

नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारी यादों का अधूरा किस्सा,
मैं तो तो बस तुम्हारी यादों का खूबसूरत हिस्सा बनना चाहती हूँ।

नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारी बर्बादी का कारण,
मैं तो बस तुम्हारी जिन्दगी आबाद देखना चाहती हूँ।

नहीं बनना चाहती मैं तुम्हारे दिल का दर्द,
मैं तो बस तुम्हारे दिल की राहत बनना चाहती हूँ।

नहीं बनना चाहती जैसे कृष्ण की रूक्मणी,
मैं तो बस तेरी राधा बनना चाहती हूँ।

                                                                          "मीठी"