बारिश- वर्षा
बारिश जब-जब आती है, सबके चेहरे पर खुशियाँ छाती है,
कल-कल करती हुई नदियाँ बहती हैं, इठलाती है,
मानो मधुर-मधुर सा संगीत सबको सुनाती है,
बादलों की घुमड-घुमड, ठण्डी-ठण्डी पवन,
तन-मन को लुभाती है,
बारिश जब-जब आती है, सबके चेहरे पर खुशियाँ छाती है।
पेड, पौधे, लताए और फूलों पर,
बारिश की बूंदे मोती सी बनकर सज जाती है,
बागों मे खिलते फलों की सुगंध सबको भाती है,
रिमझिम बरखा रानी फूलों को खिलाती है,
बारिश जब-जब आती है, सबके चेहरे पर खुशियाँ छाती है।
बारिश की बूदें प्यासी धरती की प्यास बुझाती जाती है,
पेड-पौधे, जीव-जन्तु सबको जीवन दे जाती है,
भीषण गर्मी से बचाती है, शीतलता बरसाती है,
वर्षा बहार भू पर जीवन की ज्योति जलाती है,
बारिश जब-जब आती है, सबके चेहरे पर खुशियाँ छाती है।
टप-टप करती बारिश की बूंदे खिडकी की दीवार पर खटखटाती हैं,
बचपन में उनके साथ खेलती थी शायद इसलिये मुझे बुलाती हैं,
मन मयूर होने लगता है आंखे भीग जाती हैं,
मगर अब कैसे समझाऊ बारिश को, उम्र की बेडिया नहीं तोडी जाती हैं,
बारिश जब-जब आती है, सबके चेहरे पर खुशियाँ छाती है,
"मीठी"
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