कैसे पीछे छोड दूँ
हाँ मैं मिस करता हूं , उसके हाथ का खाना
उसके साथ घूमने जाना, उसके साथ बिताए लम्हे ।
हाँ मैं जानता हूं, वो आज नहीं करती अपनी मोहब्बत का इजहार
क्युकी अब उसने बसा लिया है किसी और के साथ अपना घर - संसार।
हाँ मैं जानता हूं, वो आज भी मुझसे बेइंतहा मोहब्बत करती है,
बस इस समाज और परिवार के कारण मुझे अपनाने में डरती है।
हाँ मैं जानता हूं मै ही हूं उसका पहला प्यार, जिसे वो अपना ना सकी
उसकी भी कुछ मजबूरियां रही होंगी, तभी तो मेरे साथ को अपना बना ना सकी।
हाँ मै जानता हूं कि वो नहीं आएगी अब मेरे पास ,
पर में उसका इन्तज़ार करना केसे छोड़ दू
उन प्यारे लम्हों को में कैसे पीछे छोड़ दू।
"मैगी"
"मैगी"
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