एक लड़का था जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता था,
रोज सवेरे वो मेरी दिल की कैरी में दस्तक देकर,
कुछ अरमान लेकर, कुछ सौगात लेकर,
मुझे मुस्कराने की वजह देकर,
मुझे हर रोज जीने का सलीका सिखाया करता था।
मेरी उदास जिन्दगी में वो खुशियाँ लेकर आया था,
प्यार क्या होता है, खामोश रहकर उसने मुझे बतलाया था,
मेरे बिन कहे ही सबकुछ वो मेरी बात समझता था,
एक लड़का था जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता था।
मैं अक्सर जब उससे रूठ जाया करती थी,
उदास हो जाती थी, रो जाया करती थी,
वो अपनी बचकानी सी हरकतों से मुझे हँसाया करता था,
एक लड़का था जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता था।
आज वो बहुत दूर है मुझ से, फिर भी कोई गिला नहीं,
प्यार हम दोनों के दरमयाँ, कभी कम हुआ नहीं,
दूर रहकर वो मेरी परवाह बहुत करता था,
एक लड़का था जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता था।
था मुझमें भी लिखने का शौक, उसके लिये,
मेरे मन मे अगर सच्चे जज्बात थे, तो उसके लिये,
जितना उसके लिये लिखती थी, उतना कम पड़ता था,
एक लड़का था जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता था।
"मीठी"
रोज सवेरे वो मेरी दिल की कैरी में दस्तक देकर,
कुछ अरमान लेकर, कुछ सौगात लेकर,
मुझे मुस्कराने की वजह देकर,
मुझे हर रोज जीने का सलीका सिखाया करता था।
मेरी उदास जिन्दगी में वो खुशियाँ लेकर आया था,
प्यार क्या होता है, खामोश रहकर उसने मुझे बतलाया था,
मेरे बिन कहे ही सबकुछ वो मेरी बात समझता था,
एक लड़का था जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता था।
मैं अक्सर जब उससे रूठ जाया करती थी,
उदास हो जाती थी, रो जाया करती थी,
वो अपनी बचकानी सी हरकतों से मुझे हँसाया करता था,
एक लड़का था जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता था।
आज वो बहुत दूर है मुझ से, फिर भी कोई गिला नहीं,
प्यार हम दोनों के दरमयाँ, कभी कम हुआ नहीं,
दूर रहकर वो मेरी परवाह बहुत करता था,
एक लड़का था जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता था।
था मुझमें भी लिखने का शौक, उसके लिये,
मेरे मन मे अगर सच्चे जज्बात थे, तो उसके लिये,
जितना उसके लिये लिखती थी, उतना कम पड़ता था,
एक लड़का था जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता था।
"मीठी"
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