वो शख्स- बस एक आश
जिसके काले, घुंघराले से बाल हैं,
जिसका रंग रूप सबसे कमाल है,
जिसके गालों पर छायी सुबह की लालिमा है,
जिसकी आँखों में सागर सी गहरायी है,
जिसकी तस्वीर मैने अपनी कविता में दिखायी है,
जो मेरी जिन्दगी में बस 'काश' है,
वो शख्स मेरी जिन्दगी में सबसे खास है।
जिसकी मुस्कराहट में फूलों सी ताजगी है,
जिसकी हंसी में लहरों सा शोर है,
जिसके चेहरे पर नादानों सा भोलापन है,
जिसके अन्दर गुलाबों सी महक है,
जिसकी बोली में शहद सी मिठास है,
वो शख्स मेरी जिन्दगी में सबसे खास है।
जिसकी रूह में गंगा सी पवित्रता है,
जिसकी पहाड़ों सी ऊँची मानसिकता है,
जिसका रहन-सहन भी मनभावन है,
जिसका मन बच्चों सा पावन है,
जो मेरी जिन्दगी की बस आस है,
वो शख्स मेरी जिंदगी में सबसे खास है।
"मीठी"
"मीठी"
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